Posted on June 16, 2020
by MedhaviSingh
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मेरा नाम पावनी है। घड़ी देख रहे हैं आप दीवार पर, ये मैं हूं, जैसे घड़ी की सुई की तरह मैं भी भाग रही हूं। बस मैं कभी घंटे और मिनट की सुई बन जाती हूं। कोई ख़ुशी नहीं बस घड़ी सा टिक- टिक… Continue Reading “घड़ी की सुई”
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Category: #feminism, citylife, hindi short stories, hindi story, Poems, womenTags: hindi story, life, love, monolouge, short story, women
Posted on July 9, 2019
by MedhaviSingh
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बात थी नामालूम सी, कहीं दिल में दबी थी,मेरे बचपन से जवानी तक, गली के नुक्कड़ खड़ी थी, बात थी नामालूम सी, कहीं दिल में दबी थी,अलविदा ओ शहर, चले दूर अपने और परायों से, बस वही , हर मोड़ पर मिली थी, बात… Continue Reading “नामालूम सी बात”
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Posted on July 2, 2019
by MedhaviSingh
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यूँ ही अरमान निकला….. आज हवाओ में, तैरकर, उड जाऊ परिंदों सा, पंख फैला कर, यूँ ही अरमान निकला…. पार कर जाऊ बन्दिशे सारी, सुनूं न किसी की, उड़ान भर लूँ बस. यूँ ही अरमान निकला….. कुछ और भी अरमान होंगे , तैरते हुये,… Continue Reading “उड़ान का अरमान”
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